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सूर्य चालीसा

।।दोहा।। कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग, पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग।। ।।चौपाई।। जय सविता जय जयति दिवाकर, स...
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श्री हनुमान चालीसा

।।दोहा।। श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार। बरनौ रघुवर बिमल जसु , जो दायक फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानि के , सुमिरौ पवन कुम...
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श्री शनि चालीसा

।।दोहा।। जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल।। जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज। ...
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शनि देव की आरती

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी। सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी।। जय.।। श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी। नीलाम्बर धार नाथ गज की ...
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