शरीर पर तिल की मेडिकल साइंस में थ्योरी, समुद्र शास्त्र में तिल के शुभ-अशुभ परिणाम


लगभग सभी व्यक्तियों के शरीर पर तिल पाए जाते हैं। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार विभिन्न अंगों पर तिल की मौजूदगी अलग-अलग परिणाम देती है। तिल का शुभ और अशुभ परिणाम मिलता है। जबकि मेडिकल साइंस  तिल सामान्य शारीरिक बनावट तथा अत्यधिक मात्रा में होने पर विकार मानता है।  

तिल, जिन्हें नेवी या नेक्स भी कहा जाता है। यदि बहुत से नेवी यानि तिल हो तो उन्हे नेवी कहा जाता है। नेक्स का बहुवचन नेवी होता है। तिल आकार और रंग में भिन्न हो सकते हैं, और वे वर्षों में रंग भी बदल सकते हैं। समय के साथ, वे गहरे या हल्के हो जाते हैं। आमतौर पर, ये रंग परिवर्तन सामान्य होते हैं। 

ये जन्मजात भी हो सकते है। अधिकांश तिल बचपन और किशोरावस्था के दौरान दिखाई देते हैं। लगभग हर वयस्क के शरीर पर कम से कम एक तिल होता है। कुछ लोगों के शरीर पर काफी सारे तिल होते हैं। आमतौर पर 40 तिल होना सामान्य बात है। लोगों के शरीर पर कहीं भी तिल हो सकते हैं। सिर की त्वचा, पैरों के तलवों और हाथों की हथेलियों पर, उंगलियों और पैर की उंगलियों के बीच और नाखूनों और पैर की उंगलियों यहां तक कि प्राइवेट पार्ट पर भी तिल हो सकते हैं। 

ज़्यादातर तिल भूरे रंग के होते हैं। लेकिन वे काले, नीले, गुलाबी, लाल, त्वचा के रंग के और यहां तक ​​कि रंगहीन भी हो सकते हैं। वे आमतौर पर गोल होते हैं और उनके किनारे चिकने होते हैं। ये त्वचा से थोड़ा ऊपर उठे हुए होते हैं।

असामान्य तिल

असामान्य तिल, जिसे डिस्प्लास्टिक नेवस भी कहा जाता है, एक प्रकार का तिल है जो मेलेनोमा में विकसित हो सकता है। हालांकि, चार से अधिक असामान्य तिल होने पर आपको मेलेनोमा विकसित होने का अधिक जोखिम होता है।

जन्मजात तिल

जन्मजात तिल, जिसे जन्मजात नेवस भी कहा जाता है, एक ऐसा तिल है जो जन्म के समय मौजूद होता है। जन्मजात तिल गहरे रंग के होते हैं, और वे बालों वाले भी हो सकते हैं। इस प्रकार के तिल का आकार अलग-अलग हो सकता है। 

स्पिट्ज नेवस

स्पिट्ज नेवस एक प्रकार का तिल है जो मेलेनोमा जैसा दिखता है। ज़्यादातर समय, ये बचपन और किशोरावस्था के दौरान दिखाई देते हैं, लेकिन कभी-कभी वयस्कों को भी ये हो सकते हैं। स्पिट्ज नेवी उभरे हुए, गुंबद के आकार के तिल होते हैं जो गुलाबी रंग के होते हैं, लेकिन इनका रंग भूरा, काला और लाल जैसे अन्य रंग भी हो सकते हैं। इनमें से खून बह सकता है या रिसाव हो सकता है, जिससे इन्हें मेलेनोमा से अलग करना मुश्किल हो जाता है। 

मेलेनोमा क्या है

मेलेनोमा एक प्रकार का त्वचा कैंसर है जो मेलेनिन यानि त्वचा में रंगद्रव्य का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं को प्रभावित करता है। इन कोशिकाओं को मेलानोसाइट्स कहा जाता है। मेलेनोमा अक्सर वयस्कों में होता है, लेकिन यह किसी भी उम्र के लोगों में विकसित हो सकता है। अगर आपको कोई नया तिल दिखाई देता है या मौजूदा तिल में कोई बदलाव दिखता है, तो आपको त्वचा विशेषज्ञ से जांच करवानी चाहिए। तिल में कोई भी बदलाव मेलेनोमा का संकेत हो सकता है।

कहां तिल होने से जीवन में नहीं होती है कभी धन की कमी 

सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार शरीर के अंगों पर स्थित काले तिल के अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग परिणाम होते हैं। तिल काला व कत्थई रंग का होता है, काले तिल का गाल पर होना या ऊपरी अधर पर होना जहां सुंदरता में चार चांद लगा देता है, वहीं यही कामुकता का प्रतीक भी बन जाता है। ऊपरी अधर पर तिल उस जातक को कामुक के साथ सुंदर, आकर्षक बनाने वाला होता है, इसी प्रकार निचले होंठ पर तिल दरिद्रता का सूचक होता है।

  • कंठ पर तिल वाले जातक को तेज दिमाग वाले होते है। वे धनार्जन में सफल व स्वावलंबी होते है। 
  • जिस महिला के गाल पर तिल होता है, उसे अच्छा पति मिलता है।
  • गाल पर बांईं तरफ तिल हो तो ऐशो-आराम का सुख मिलता है।
  • कान पर तिल हो तो आभूषण पहनने का सुख मिलता है।
  • छाती पर तिल हो तो पुत्र की प्राप्ति होती है। 
  • कपोल पर तिल धनी व दुर्व्यसनी भी बनाता है। 
  • नाक के मध्य तिल हो तो ऐसा जातक स्थिर न रहकर इधर-उधर भटकता रहने वाला होता है।
  • बाएं गाल पर तिल शुभ नहीं माना जाता है, ऐसा तिल गृहस्थ जीवन में धन का अभाव बताता है।
  • जांघ पर तिल हो तो नौकर-चाकर का सुख मिलता है।
  • पांव पर तिल हो तो विदेश यात्रा का योग रहता है।
  • मस्तक पर तिल हो तो हर जगह इज्जत मिलती है।
  • जिस पुरुष के सिर (मस्तक) पर तिल होता है, वह हर जगह इज्जत पाता है।
  • दाहिने गाल पर तिल उन्नतिशील और मेघावी होने का सूचक है। 
  • नाक के दाहिने भाग पर तिल सुखी, धन संपन्न और नाक के बाएं भाग पर तिल परिश्रमी, कठिनाई से सफलता का सूचक होता है।
  • मस्तक पर पाया जाने वाला तिल उस जातक की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाता है। जातक को धन की कमी नहीं रहती है। 
  • सिर के दाहिने भाग में पाया जाने वाल तिल समाज में मान-प्रतिष्ठा दिलाने वाला होगा।
  • दोनों भौंहों के मध्य तिल हो तो ऐसा जातक परोपकारी, उदार और दीर्घजीवी होगा।

  • ठोड़ी पर पाया जाने वाला तिल व्यक्ति को स्वार्थी, व्यक्तिवादी, स्वहित देखने वाला व समाज से कटा सा बनाता है।
  • दाएं हाथ पर तिल शुभ व बाएं हाथ की हथेली में तिल अति व्यय का सूचक होता है।
  • यदि गुप्तांग के ऊपरी भाग पर तिल हो तो ऐसा जातक अति कामुक होता है एवं अनेक स्त्री या पुरुष का साथ पाता है। इस प्रकार तिल भी शुभ-अशुभता के संकेत देते हैं।

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