वृंदावन के प्रसिद्ध बांकेबिहारी मंदिर में ठाकुरजी के दर्शनों का समय बढ़ाए जाने का मुद्दा गरमा गया है।
दरअसल, विश्वविख्यात बांकेबिहारी मंदिर में भक्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ताजा अनुमान के मुताबिक यहां हर साल 1.25 करोड़ से ज्यादा भक्त दर्शन के लिए आते है। खासकर अक्षय तृतीया, गुरुपूर्णिमा, हरियाली तीज, जन्माष्टमी, शरद पूर्णिमा, भाई दूज और होली पर भक्तों की संख्या बहुत ज्यादा रहती है। इन खास मौकों पर यह संख्या एक दिन में ही 3 से 3.5 लाख रहती है।
इस संख्या को आधार मानकर प्रशासन ने मंदिर प्रशासक सिविल जज जूनियर डिवीजन के समक्ष दर्शन का समय बढ़ाए जाने की अपील की थी। इसको लेकर हुई सुनवाई में दोनों पक्षों ने अपनी—अपनी राय रखी। इसको लेकर दो राय है मंदिर कमेटी का कहना है कि बिहारी जी की बाल सेवा है, इसलिए उनकी सेवा में समय बढ़ाने से व्यवधान होगा। मंदिर 12 घंटे से ज्यादा समय तक खुला रहता है। इधर, प्रशासन का कहना है कि भक्तों की बहुत ज्यादा रहती है, इसलिए दर्शन के लिए बहुत कम समय मिल पाता है।
दुर्लभ होते जा रहे है बांके बिहारी के दर्शन
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में दर्शनार्थियों की भीड़ के कारण दर्शन दुर्लभ होते जा रहे हैं। प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार, यहां भीड़ के बीच एक भक्त के हिस्से में ठाकुर जी के दर्शन का समय सिर्फ 0.096 सेकेंड ही आता है। वर्ष 1862 में दर्शन के लिए आठ घंटे निर्धारित थे।
उस वक्त मात्र सौ श्रद्धालु मंदिर में दर्शन को आते थे। प्रति व्यक्ति दर्शन करने का समय 280 सेकेंड था। वर्ष 1960 में श्रद्धालु पांच हजार तो समय प्रति व्यक्ति 5.76 हो गया। वर्ष 2017 तक पहुंचते श्रद्धालुओं की संख्या विशेष उत्सवों में तीन से साढ़े तीन लाख प्रतिदिन जा पहुंच गई। इस प्रकार एक श्रद्धालु के हिस्से में दर्शन करने के लिए सिर्फ 0.096 सेकेंड का समय आया।
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